पिटकुल टेंडर प्रकरण पर एमडी यूपीसीएल का बयान भ्रामक – महाप्रबंधक (वित्त) PTCUL
देहरादून। पिटकुल के महाप्रबन्धक (वित्त) एस० के तोमर ने आज विज्ञप्ति जारी करके बताया कि कुछ दैनिक समाचार पत्रों का अवलोकन करने पर संज्ञान में आया है कि पिटकुल में टेण्डर पूल किये गये प्रकरण पर , प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा दिये गये बयान कि पिटकुल में टेण्डरों में कोई गड़बड़ी नहीं हुयी है तथा वर्ष 2016 में मुख्य अभियन्ता कय एवं अनुबन्ध रहते हुए उनकी जिम्मेदारी टेण्डर के तकनीकी पहलुओं को देखने की होती है कौन कम्पनी कौन सा बैंक ड्राफ्ट लगा रही है यह देखने का काम वित्त का होता है, जो कि पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक है।
तोमर ने विज्ञप्ति में कहा कि पिटकुल के पीएण्डसी मेन्यूअल जो कि पिटकुल के बोर्ड द्वारा स्वीकृत किया गया है के प्रस्तर 11.1 “Contract Services will be the Responsible Group for sale of Tender Documents” के अनुरूप अनुबन्ध कर्ता अनुभाग जिम्मेदार होता है
तोमर ने कहा कि क्रय एवं अनुबन्ध अनुभाग द्वारा टेण्डर फीस के रूप में प्राप्त बैंक ड्राफ्ट वित्त अनुभाग को बैंक में जमा करने हेतु प्रेषित की जाती है. न कि उसकी जाँच हेतु प्रेषित किये जाते है। टेण्डर फीस के रूप में प्राप्त बैंक ड्राफ्ट किस खाता धारक के खाते से बनाया गया है इसे जाँचने का कोई प्रावधान नहीं है। बैंक ड्राफ्ट में बीडर का बैंक खाता संख्या एवं नाम अंकित नहीं होता है. उक्त का फायदा उठाकर ही टेण्डर को पूल किया गया है। कय एवं अनुबन्ध अनुभाग के मुख्य अभियन्ता होने के कारण उक्त प्रकरण की समस्त जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्य अभियन्ता ( कय एवं अनुबन्ध) की थी।
महाप्रबंधक वित्त ने बताया कि प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा दिये गये बयान कि पिटकुल में टेण्डरों में कौन कम्पनी कौन सा बैंक ड्राफ्ट लगा रही है, यह देखने का काम वित्त का होता है , जो असत्य एवं भ्रामक है ।
गौरतलब है कि पिटकुल प्रबंधन द्वार विगत दिनों इसी प्रकरण पर कुछ कंपनियों व उनके प्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस सम्बन्ध में हमारे प्रतिनिधि द्वारा यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक से उनका पक्ष जानने के लिए सम्पर्क किया गया लेकिन उन्होंने या उनके प्रतिनिधि ने फोन रिसीव नहीं किया। उनका पक्ष मिलने पर हम उसे भी प्रकाशित करेंगे।